तेजस MK1 प्रोटोटाइप से अस्त्र मिसाइल का सफल परीक्षण, भारत की रक्षा क्षमता को मिली नई ताकत
ओडिशा ,13 मार्च। ओडिशा के चांदीपुर में बुधवार को भारतीय वायुसेना ने एक बड़ी उपलब्धि हासिल की। इसमें स्वदेशी अस्त्र एयर-टू-एयर मिसाइल का सफल टेस्ट किया गया। इस मिसाइल को LCA तेजस MK1 प्रोटोटाइप से लॉन्च किया गया।
दरअसल अस्त्र मिसाइल को पहले ही भारतीय वायुसेना के बेड़े में शामिल किया जा चुका है। इस वजह से अस्त्र मिसाइल का स्वदेशी लड़ाकू विमानों के साथ सफलतापूर्वक जोड़ा जाना एक बड़ी उपलब्धि है।
अस्त्र मिसाइल को DRDO द्वारा बनाया गया है। यह मिसाइल 100 किलोमीटर से ज्यादा की दूरी तक दुश्मन के विमानों को मार गिराने में सक्षम है। यह पूरी तरह से स्वदेशी तकनीक पर आधारित है, जिससे भारत उन चुनिंदा देशों में शामिल हो गया है, जो लंबी दूरी की एयर-टू-एयर मिसाइलों का निर्माण कर सकते हैं। इससे पहले इस तकनीक पर अमेरिका, रूस और फ्रांस जैसे देशों का वर्चस्व था।
मिसाइल की 3 खासियत:
- स्मोकलेस प्रोपल्शन टेक्नोलॉजी, जिससे दुश्मन को इसकी मौजूदगी का अंदाजा नहीं लगता।
- एडवांस्ड इनर्शियल नेविगेशन सिस्टम, जो तेज गति से उड़ते लक्ष्यों को भी सटीक निशाना बना सकता है।
- तेजस जैसे स्वदेशी लड़ाकू विमानों के साथ पूरी तरह से अनुकूल।
तेजस के साथ पहली बार सफल ट्रायल, IAF की ताकत बढ़ेगी
इससे पहले, अस्त्र मिसाइल को सुखोई Su-30 MKI जैसे विमानों पर तैनात किया जा चुका था। लेकिन 12 मार्च 2025 को हुए इस टेस्ट ने साबित कर दिया कि यह LCA तेजस जैसे स्वदेशी फाइटर जेट्स के साथ भी पूरी तरह फिट बैठती है। इसका मतलब है कि आने वाले दिनों में भारतीय वायुसेना तेजस में अस्त्र मिसाइल को तैनात कर अपनी हवाई ताकत को और मजबूत करेगी।
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने इस सफलता पर DRDO, IAF, ADA और HAL की पूरी टीम को बधाई दी और इसे ‘आत्मनिर्भर भारत’ की दिशा में एक बड़ा कदम बताया।
सीमा पर भारत की रक्षा रणनीति को मिलेगी नई मजबूती
यह टेस्ट ऐसे समय पर हुआ है, जब भारत अपने रक्षा बेड़े को आधुनिक बनाने में जुटा है। अस्त्र मिसाइल की मारक क्षमता और तेजस से इसकी सफल लॉन्चिंग से भारत की डिफेंस डिटरेंस (रक्षा प्रतिरोधक क्षमता) को मजबूती मिलेगी। यह खासतौर पर सीमा पर बदलते हवाई युद्ध की रणनीति के लिहाज से अहम साबित होगा।