“स्थिरता और जलवायु अनुकूलता निर्मित पर्यावरण के जीवनचक्र में सम्मिलित होना चाहिए”:हरदीप एस पुरी
नई दिल्ली, 26अगस्त।आवास और शहरी कार्य तथा पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्री हरदीप एस. पुरी ने निर्मित पर्यावरण के जीवनचक्र में स्थिरता और जलवायु अनुकूलता को सम्मिलत करने के दृष्टिकोण से शहरी नियोजन को देखने की आवश्यकता पर बल दिया। निर्माण उद्योग में नई और उभरती निर्माण सामग्री और प्रौद्योगिकियों को अपनाने पर आयोजित सम्मेलन का उद्घाटन करते हुए हरदीप पुरी ने कहा कि मोदी सरकार ने शहरीकरण को बहुमुखी विकास के अवसर के रूप में देखा है और इसलिए भारत को नियोजित शहरीकरण के लिए सबसे व्यापक कार्यक्रमों में से एक होने का गौरव हासिल है। इस पृष्ठभूमि में मंत्रालय की प्रमुख आवास योजना, प्रधानमंत्री आवास योजना-शहरी (पीएमएवाई-यू) का विशेष महत्व है, क्योंकि इसने टिकाऊ और हरित बुनियादी ढांचे का निर्माण करते हुए भारत के शहरी गरीबों के लिए किफायती आवास के मुद्दे पर ध्यान दिया है। पीएमएवाई-यू में हरित निर्माण प्रौद्योगिकियों के उपयोग को रेखांकित करते हुए हरदीप पुरी ने उपस्थित जनसमूह को बताया कि 43.3 मिशन के तहत फ्लाईएश ईंटों/ब्लॉकों और एएसी ब्लॉकों जैसी स्थायी निर्माण सामग्री का उपयोग करके लाखों घरों का निर्माण किया जा रहा है। ये घर दिसंबर 2024 के अंत तक 9 मिलियन टन कार्बनडाइऑक्साइड के उत्सर्जन में कमी लाने में योगदान देंगे।
आवास निर्माण क्षेत्र में आमूलचूल बदलाव लाने के लिए, आवास और शहरी कार्य मंत्रालय ने चेन्नई, राजकोट, इंदौर, लखनऊ, रांची और अगरतला में वर्तमान में कार्यान्वित की जा रही वैश्विक परियोजनाओं के तहत विश्वभर की 54 नवोन्मेषी निर्माण प्रौद्योगिकियों का चयन किया है। हरदीप पुरी ने निर्माण लागत, समय, उपयोग में लाए गए सीमेंट और उत्पन्न कचरे में कमी के अतिरिक्त बढ़ी हुई थर्मल सुविधा और कम जीवनचक्र लागत सहित इन नवोन्मेषी प्रौद्योगिकियों के उपयोग के बहुत से लाभों का साझा किया।
आवास एवं शहरी मामलों के राज्य मंत्री कौशल किशोर ने नवीनतम और अभिनव प्रौद्योगिकियों का उपयोग करते हुए समाज के सभी वर्गों को गुणवत्तापूर्ण आवास उपलब्ध कराने की आवश्यकता दोहराई, क्योंकि इससे नए और आत्मनिर्भर भारत में जीवन की बेहतर गुणवत्ता में योगदान प्राप्त होगा। आवास एवं शहरी मामले मंत्रालय में सचिव मनोज जोशी ने आधुनिक और हरित निर्माण प्रौद्योगिकियों को बढ़ावा देने और मुख्यधारा में लाने के महत्व को भी रेखांकित किया, जिससे देश को आवास की बढ़ती मांग को पूरा करने में मदद मिलेगी। ये निर्माण सामग्री देश की विभिन्न भू-जलवायु और खतरे की स्थितियों के अनुरूप तेजी से और बेहतर गुणवत्ता वाले आवास निर्माण की सुविधा प्रदान करती है। सीपीडब्ल्यूडी और एनबीसीसी के सहयोग से क्रेडाई द्वारा आयोजित इस सम्मेलन में निर्माण और रियल एस्टेट उद्योगों के कई प्रतिभाशाली व्यक्ति एक जगह एकत्रित हुए।