एकात्म मानववाद के प्रणेता प. दीनदयाल उपाध्याय की पुण्यतिथि
नितिनमोहन शर्मा। खुश तो बहुत होंगे आज आप?
वो जो सबके लिए अश्पृश्य थे। आज वो सर्व स्वीकार्य है। वो जो मुट्ठीभर थे। आज करोड़ो में हैं। वो जो किसी गिनती में नही थे। आज गिनती ही वहां से शुरू होती हैं, जहा से वे खड़े होते है। वो जिन्हें…
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