तबाही के भंडार पर बैठा है अफ्रीकी देश नाइजर, इस छोटे से देश के तख्तापलट से क्यों डरी है दुनिया
नई दिल्ली, 10अगस्त। अफ्रीकी देश नाइजर में सेना ने तख्तापलट कर दिया है। सैनिकों ने नेशनल टीवी पर इस तख्तापलट का ऐलान कर दिया। सेना ने नाइजर के संविधान को भंग करने का ऐलान करते हुए सभी संस्थानों को निलंबित कर दिया। इस तख्तापलट के बाद देश की सभी सीमाओं को बंद कर दिया। हालांकि यह पहली बार नहीं है। साल 1960 में फ्रांस से आजादी मिलने के बाद यहां अब तक चार बार तख्तापलट हो चुका है। नाइजर से पहले उसके दो पड़ोसी देशों माली और बुर्किना फासो में पिछले सालों जिहादी विद्रोह के बाद तख्तापलट हुआ था और अब इस छोटे से देश में तख्तापलट ने दुनियाभर की चिंता बढ़ा दी है। खासकर अमेरिका और अफ्रीकी यूनियन संघ की परेशानी सबसे ज्यादा बढ़ गई है।
नाइजर में सैन्य तख्तापलट पर भड़का अमेरिका
अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने नाइजर के राष्ट्रपति मोहम्मद बजौम की तत्काल रिहाई और देश में लोकतांत्रिक व्यवस्था की बहाली की अपील की। दुनिया के गरीब देशों की लिस्ट में आने वाले इस देश में तख्तापलट ने अमेरिका समेत दुनियाभर की चिंता बढ़ा दी है। इस घटना पर सबसे पहले चिंता जताने वालों में अमेरिका ही है। बाकी देश भी इस देश में तख्तापलट से परेशान हैं । इस गरीब देश में तख्तापलट से अमेरिका यूं ही परेशान नहीं है। नाइजर अति गरीब देश होने के बावजूद यूरेनियम भंडार का मालिक है। इसी यूरेनियम भंडार ने अमेरिका की चिंता बढ़ा दी है। जिस देश की 80 फीसदी जमीन रेगिस्तान में बदल चुकी है, उस देश में सैन्य तख्तापलट से अमेरिका परेशान है। नाइजर पर अंतरराष्ट्रीय एजेंसियों और कई देशों का भारी ऋण है। अपने भारी कर्ज के साथ यूरेनियम के भंडार ने अमेरिका के साथ ही अफ्रीकी यूनियन को परेशान कर दिया है।
दुनिया के सबसे बड़े यूरेनियम उत्पादकों में से एक है
नाइजर दुनिया के सबसे बड़े यूरेनियम उत्पादकों में से एक है। विश्व परमाणु संघ (डब्ल्यूएनए) के अनुसार, नाइजर दुनिया का सातवां सबसे बड़ा यूरेनियम उत्पादक देश है। रेडियो एक्टिव मेडल यूरेनियम भंडार वाले इस देश में मचे सियासी उठापटक से टेंशन बढ़ना लाजिमी है। परमाणु बम, न्यूक्लियर एनर्जी में इस्तेमाल होने वाले यूरेनियम भंडार वाले इस छोटे से देश पर अमेरिका समेत दुनियाभर के नजर है। देश का कंट्रोल सेना के हाथों में पहुंच गया है। डब्ल्यूएनए के अनुसार, नाइजर के पास अफ्रीका के सबसे उच्चतम श्रेणी के यूरेनियम अयस्क हैं। इस देश ने साल 2022 में 2020 मीट्रिक टन यूरेनियम का उत्पादन किया गया किया, जो दुनिया के कुल यूरेनियम उत्पाद का लगभग 5% है। एटम बम, एटोमिक एनर्जी के अलावा इसका इस्तेमाल दवा, डिफेंस उपकरणों, फोटोग्राफी, मेडिकल उपकरणों समेत कई सेक्टर में होता है। यह इतना घातक है कि किसी भी देश को पलभर में तबाह तक सकता है। इसका इस्तेमाल यूरेनियम का इस्तेमाल परमाणु हथियार बनाने में किया जाता है।
कौन खरीदता है नाइजर से यूरेनियम
दुनिया के कुल यूरेनियम सप्लाई में नाइजर की हिस्सेदारी 5 फीसदी की है, लेकिन यूरोपीय संघ को यूरेनियम की सप्लाई करने वाला प्रमुख आपूर्तिकर्ता है। यूरेटॉम सप्लाई एजेंसी के मुताबिक साल 2021 में नाइजर ने यूरोपिय संघ को 2905 टीयू यूरेनियम सप्लाई किया था। अब ऐसे में जब कि नाइजर में सियासी भूचाल मचा है, नियंत्रण सेना के हाथों में पहुंच गया है तो इन देशों की चिंता बढ़ गई है।