सभी महिला राजदूतों के समूह की पहली परिचय बैठक आयोजित
राजनीतिक और निजी क्षेत्र में महिला नेतृत्व और महिला-पुरुष समानता के बारे में जानकारी जुटाना इस समूह का उद्देश्य है
महिला-पुरुष समानता न केवल एक मौलिक मानवाधिकार है, बल्कि एक शांतिपूर्ण, समृद्ध और टिकाऊ दुनिया के लिए एक आवश्यक आधार है : श्रीमती मीनाक्षी लेखी
एक अनूठी पहल के तहत, विदेश एवं संस्कृति राज्य मंत्री श्रीमती मीनाक्षी लेखी ने आज नई दिल्ली में सभी महिला राजदूतों के समूह की पहली परिचय बैठक का नेतृत्व किया। बैठक में भारत में सभी महिला राजदूतों, पुरुष राजदूतों की पत्नियों और सभी दूतावासों की महिला प्रभारियों ने भाग लिया। इस कार्यक्रम में उपस्थित अन्य लोगों में दोनों विदेश एवं संस्कृति मंत्रालयों की महिला अधिकारी शामिल थीं। आजादी का अमृत महोत्सव मनाने के लिए संस्कृति मंत्रालय और विदेश मंत्रालय की संयुक्त पहल के रूप में यह कार्यक्रम आयोजित किया गया था।
भाईचारे के सार्वभौमिक विषय को मूर्त रूप देने तथा एक-दूसरे के साथ और एक-दूसरे के लिए एकजुटता से खड़े होने की तीव्र इच्छा से इस समूह को गठित किया गया है। भारत में फिनलैंड की राजदूत ऋत्वा कौक्कू-रोंडे की ओर से श्रीमती मीनाक्षी लेखी को एक अखिल महिला राजदूत समूह बनाने का अनुरोध किया गया।
अंतर्राष्ट्रीय राजनयिक क्षेत्र में महिलाओं के सीमित प्रतिनिधित्व को ध्यान में रखते हुए समूह का गठन अत्यधिक महत्वपूर्ण है। समय-समय पर बैठकों और चर्चाओं के माध्यम से, राजनीतिक और निजी क्षेत्र में महिला नेतृत्व और महिला-पुरुष समानता के बारे में जानकारी जुटाना इस समूह का उद्देश्य है।
श्रीमती लेखी ने भारत में सभी महिला राजदूतों के लिए संवाद की सुविधा और समर्थन का वातावरण बनाने में साधन के रूप में इस नेटवर्क के महत्व पर जोर दिया। श्रीमती लेखी ने महिला-पुरुष समानता के बारे में चर्चा की, जो उनके अनुसार न केवल एक मौलिक मानवाधिकार है, बल्कि एक शांतिपूर्ण, समृद्ध और टिकाऊ दुनिया के लिए एक आवश्यक आधार है। उन्होंने एक समावेशी और न्यायपूर्ण समाज के निर्माण के लिए सतत विकास लक्ष्य 5 यानी महिला सशक्तिकरण के माध्यम से महिला-पुरुष समानता कायम करने की आवश्यकता के बारे में भी बताया। इस कार्यक्रम में संस्कृति मंत्रालय की ओर से सांस्कृतिक प्रस्तुति के माध्यम से सभी राजदूतों को भारत की संस्कृति से परिचित होने का अवसर मिला।
कथक नृत्यांगना पद्म श्री श्रीमती शोवना नारायण ने एक सुंदर नृत्य प्रस्तुति की, जिसके बाद पपीहा देसाई और नृत्य मंडली ने “भारतीय नृत्य” पर एक प्रस्तुति दी, जिसमें भारतीय नृत्य के विभिन्न रूपों – गरबा, डांडिया, गिद्दा और कई अन्य रूपों की विविधता को प्रदर्शित किया गया।
श्रीमती लेखी ने हाल ही में संपन्न नवरात्रि समारोहों की पृष्ठभूमि में अखिल महिला राजदूत समूह के गठन के समय के महत्व पर प्रकाश डाला। उन्होंने राजदूतों को त्योहार से जुड़े रीति-रिवाजों और प्रथाओं के बारे में भी बताया। इस कार्यक्रम में सभी राजदूतों के लिए विशेष नवरात्रि व्यंजन परोसे गए ताकि उन्हें भारतीय पाक कला की सांस्कृतिक विरासत के बारे में एक अंतर्दृष्टि प्रदान की जा सके। पूरे कार्यक्रम की योजना मौजूदा आजादी का अमृत महोत्सव के तहत बनाई गई थी, जो भारत की आजादी के 75 साल पूरे होने का उत्सव है।