जस्टिस वर्मा के घर 45 मिनट रुकी जांच टीम
नई दिल्ली,25 मार्च। दिल्ली हाईकोर्ट के जस्टिस यशवंत वर्मा के दिल्ली के 30, तुगलक क्रिसेंट स्थित आवास पर मंगलवार दोपहर CJI की गठित 3 सदस्यीय टीम (इन हाउस पैनल) जांच के लिए पहुंची। टीम उस स्टोर रूम में गई जहां ₹500-₹500 के नोटों से भरीं अधजली बोरियां मिली थीं।
रिपोर्ट्स के मुताबिक टीम जस्टिस वर्मा के घर 45 मिनट रुकी। जांच टीम में पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस जस्टिस शील नागू, हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस जी एस संधावालिया और कर्नाटक हाईकोर्ट के जस्टिस अनु शिवरामन शामिल हैं।
इससे पहले 24 मार्च को सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम ने जस्टिस वर्मा को उनके पैरेंट कोर्ट (इलाहाबाद हाईकोर्ट) वापस ट्रांसफर करने की सिफारिश का प्रस्ताव जारी किया था।
कॉलेजियम के प्रस्ताव में कहा गया कि 20 और 24 मार्च 2025 को हुई बैठकों में सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम ने दिल्ली हाईकोर्ट के जस्टिस यशवंत वर्मा को इलाहाबाद हाईकोर्ट वापस भेजने की सिफारिश की है।
इलाहाबाद हाईकोर्ट बार एसोसिएशन ने सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम के इस फैसले पर आपत्ति जताई। बार आज से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर है।
जस्टिस वर्मा को वापसी के विरोध में इलाहाबाद हाईकोर्ट बार एसोसिएशन
23 मार्च को भी दिल्ली हाईकोर्ट के जस्टिस यशवंत वर्मा को वापस इलाहाबाद भेजने की बात का इलाहाबाद हाईकोर्ट बार एसोसिएशन ने विरोध किया था। 23 मार्च को ही जस्टिस वर्मा से दिल्ली हाईकोर्ट ने कार्यभार वापस ले लिया था।
बार ने जनरल हाउस मीटिंग बुलाई थी। जिसमें जस्टिस वर्मा के खिलाफ महाभियोग प्रस्ताव लाने की मांग का प्रस्ताव पारित किया गया था। साथ ही मामले की जांच ED और CBI से कराने की मांग का भी प्रस्ताव पारित किया गया था। प्रस्ताव की कॉपी सुप्रीम कोर्ट CJI को भी भेजी गई है।