जो राष्ट्र पढ़ता है, हर क्षेत्र में आगे बढ़ता है- अनुराग ठाकुर
नई दिल्ली, 6 फरवरी। केन्द्रीय सूचना एवं प्रसारण और युवा कार्यक्रम और खेल मंत्री अनुराग सिंह ठाकुर ने कहा कि भारत अब दुनिया में ‘स्टार्ट-अप’ इकोसिस्टम का केन्द्र है, 90,000 ‘स्टार्ट-अप’ और 30 अरब डॉलर की 107 यूनिकॉर्न कंपनियों के साथ तीसरे स्थान पर है और यह भारत के युवाओं के योगदान से ही संभव हो पाया है। केन्द्रीय मंत्री ने एसोसिएशन ऑफ इंडियन यूनिवर्सिटीज (एआईयू) के तत्वावधान में जम्मू विश्वविद्यालय के जोरावर सिंह ऑडिटोरियम में 36वें इंटर-यूनिवर्सिटी नॉर्थ जोन यूथ फेस्टिवल (अंतर्नाद) के समापन समारोह में मुख्य अतिथि के तौर पर अपने संबोधन में यह विचार व्यक्त किए।
अनुराग ठाकुर ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में दुनिया नए भारत की ओर देख रही है क्योंकि भारत अब टीकों का सबसे बड़ा निर्यातक है साथ ही मोबाइल फोन और रक्षा उपकरणों का भी सबसे बड़ा निर्यातक है, जिसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि भारत ने एक लाख करोड़ रुपये के मोबाइल फोन और इस वर्ष 16 लाख करोड़ के रक्षा उपकरणों का निर्यात किया है। श्री अनुराग ठाकुर ने कहा कि पिछले आठ वर्षों से हर क्षेत्र में हर जगह अग्रणी यह नए भारत की तस्वीर है।
अनुराग ठाकुर ने जोर देते हुए कहा कि इस अमृतकाल के दौरान अन्य महत्वपूर्ण बातों के अलावा देश के लिए अपने प्राणों की आहुति देने वाले भूले-बिसरे वीरों को भी स्मरण किया जा रहा है जिसके अंतर्गत हाल ही में प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने अंडमान के 21 द्वीपों का नामकरण परमवीर चक्र प्राप्तकर्ताओं के नाम पर किया है, इनमें से चार हिमाचल प्रदेश के हैं। श्री अनुराग ठाकुर ने कहा कि समूचे भारत में अपने क्षेत्र में सर्वश्रेष्ठ योगदान के साथ सबसे योग्य लोगों को हाल ही में मिलने वाले सर्वश्रेष्ठ पद्म पुरस्कार ‘पीपुल्स पद्म’ इसी दृष्टिकोण को दर्शाते हैं।
अनुराग ठाकुर ने कहा कि विकास को दीर्घकालिक होना चाहिए और सतत विकास, हरित अर्थव्यवस्था के विकास के लिए स्थायी निवेश की आवश्यकता है, जिससे हरित रोजगारों का सजृन हो सके। उन्होंने कहा कि इसके लिए भारत पांच मिलियन मीट्रिक टन ग्रीन हाइड्रोजन का वैश्विक केन्द्र बनने की ओर अग्रसर है, जो अगले पांच वर्षों में आठ लाख करोड़ के निवेश अर्थात दुनिया के दस प्रतिशत निवेश के साथ हमारे देश के युवाओं के लिए हजारों हरित रोजगारों का सृजन करेगा।
महोत्सव के दौरान युवाओं के विभिन्न प्रदर्शनों की सराहना करते हुए श्री अनुराग ठाकुर ने कहा कि समृद्ध संस्कृति, कला और परंपरा के साथ भारत का एक महान इतिहास रहा है तथा देश के युवाओं पर हमारी संस्कृति, कला एवं परंपरा को संरक्षित करने की बड़ी जिम्मेदारी है जो दुनिया में कहीं नहीं देखी जाती।
प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी द्वारा किए गए पांच संकल्पों पर जोर देते हुए, श्री अनुराग ठाकुर ने कहा कि हाल ही में केन्द्रीय वित्त मंत्री द्वारा घोषित अमृतकाल बजट में, देश के युवाओं के लिए सर्वोत्तम प्रावधान किए गए हैं इन प्रावधानों के अनुसार 47 लाख युवाओं को वजीफा प्रदान किया जाएगा, 30 कौशल भारत अंतर्राष्ट्रीय केन्द्र स्थापित किए जाएंगे, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के लिए 3 उत्कृष्टता केन्द्रों के निर्माण के साथ-साथ 3डी प्रिंटिंग, एआई, इंटरनेट ऑफ थिंग्स आदि में युवाओं को प्रशिक्षित किया जाएगा, जिससे उन्हें विविध आधुनिक क्षेत्रों में कुशल बनाने के साथ-साथ भविष्य के लिए तैयार किया जा सकेगा।
अनुसंधान और विकास में समग्र योगदान और ए+ एनएएसी मान्यता प्राप्त करने के लिए जम्मू विश्वविद्यालय की प्रशंसा करते हुए, श्री अनुराग ठाकुर ने कहा कि भारत सरकार का सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय जम्मू विश्वविद्यालय को प्रयोगशाला के विकास, अनुसंधान और पत्रकारिता के विकास में मदद करने के लिए तैयार है।
समापन समारोह के दौरान, मंत्री महोदय ने जम्मू के पद्म श्री पुरस्कार विजेताओं श्री जितेन्द्र उधमपुरी, श्री राजिंदर टिक्कू, श्री एसपी वर्मा, श्री मोहन सिंह और श्री बलवंत ठाकुर को भी सम्मानित किया।
समापन समारोह में जम्मू विश्वविद्यालय के कुलपति, प्रो. बेचन लाल, क्लस्टर विश्वविद्यालय, जम्मू के कुलपति प्रो. उमेश राय, एआईयू के संयुक्त सचिव डॉ. बलजीत सिंह, अकादमिक मामलों के डीन प्रोफेसर नरेश पाधा, परिसर सांस्कृतिक समिति के अध्यक्ष प्रोफेसर विश्व रक्षा, डीएसडब्ल्यू प्रोफेसर प्रकाश अंताल, पद्म श्री श्री बलवंत ठाकुर, एडीजीपी सुरक्षा, जम्मू श्री एसडी जामवाल, एडीजीपी जम्मू श्री मुकेश सिंह, और जम्मू-कश्मीर के भाजपा अध्यक्ष श्री रविंदर रैना के अलावा अन्य गणमान्य व्यक्तियों ने भी भाग लिया।
उल्लेखनीय है कि देश भर के 18 विश्वविद्यालयों के 1000 प्रतिभागियों ने भाग लिया और प्रतिस्पर्धी टीमों में जम्मू विश्वविद्यालय, देव संस्कृति विश्वविद्यालय हरिद्वार उत्तराखंड, गडवासु-लुधियाना, शेर-ए-कश्मीर कृषि विज्ञान और प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय (एसकेयूएएसटी), दून यूनिवर्सिटी उत्तराखंड, कश्मीर यूनिवर्सिटी, क्लस्टर यूनिवर्सिटी ऑफ जम्मू, पंजाबी यूनिवर्सिटी पटियाला, सीटी यूनिवर्सिटी लुधियाना, आईके गुजराल पंजाब टेक्निकल यूनिवर्सिटी कपूरथला, हिमाचल प्रदेश यूनिवर्सिटी शिमला, जीएनडीयू अमृतसर, लवली प्रोफेशनल यूनिवर्सिटी, चंडीगढ़ यूनिवर्सिटी, पंजाब एग्रीकल्चरल यूनिवर्सिटी लुधियाना, महाराजा रणजीत सिंह पंजाब टेक्निकल यूनिवर्सिटी बठिंडा और डीएवी जालंधर शामिल थीं।