जी-20 के भ्रष्टाचार विरोधी कार्य समूह की दूसरी बैठक आर्थिक अपराधियों के खिलाफ भारत की वचनबद्धता को दोहराएगी- केंद्रीय मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह
नई दिल्ली, 25मई। केंद्रीय राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्रालय, राज्य मंत्री प्रधानमंत्री कार्यालय तथा कार्मिक और लोक शिकायत राज्य मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने बुधवार को कहा कि ऋषिकेश में आयोजित होने वाली जी-20 बैठक भ्रष्टाचार के खिलाफ शून्य सहिष्णुता सुनिश्चित करने के लिए आर्थिक अपराधियों के खिलाफ भारत के संकल्प को दोहराएगी।
डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि उत्तराखंड के ऋषिकेश में कल से शुरू हो रही जी-20 के भ्रष्टाचार विरोधी कार्य समूह की दूसरी बैठक (एसीडब्ल्यूजी) में भारत वैश्विक स्तर पर भ्रष्टाचार से निपटने के लिए जी-20 की प्रतिबद्धता को सशक्त करने का आह्वान करेगा।
डॉ. जितेंद्र सिंह ने इस कार्यक्रम से पहले नेशनल मीडिया सेंटर में आज मीडिया को संबोधित करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में, भारत ने आर्थिक अपराधियों को देश से बाहर भागने से रोकने और उदार कानूनों वाले अन्य मित्र देशों में उनके शरण लेने को प्रतिबंधित के लिए एक बहुत ही निर्णायक कदम उठाया है।
डॉ. जितेंद्र सिंह ने स्मरण करते हुए कहा कि साल 2018 में अर्जेंटीना की जी-20 अध्यक्षता के दौरान, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने जी-20 के सदस्य देशों को भगोड़े आर्थिक अपराधियों के खिलाफ और उनसे संपत्ति की वसूली के लिए कार्रवाई के करने उद्देश्य से नौ सूत्रीय एजेंडा दिया था। जिसके अनुसार सभी भगोड़े आर्थिक अपराधियों को सुरक्षित आश्रय से वंचित करने, अंतर्राष्ट्रीय प्रतिबद्धताओं के प्रभावी कार्यान्वयन, सूचनाओं के समय पर और व्यापक आदान-प्रदान के लिए अंतर्राष्ट्रीय सहयोग की आवश्यकता तथा भगोड़े आर्थिक अपराधियों की एक मानक परिभाषा तैयार करने हेतु कानूनी प्रक्रियाओं एवं तंत्रों में जी-20 देशों के मध्य मजबूत व सक्रिय सहयोग का आह्वान किया गया था। इसके साथ-साथ वे अपराधी जिनके पास वसूली के लिए उनके निवास के देश में कर ऋण है, ऐसे आर्थिक अपराधियों पर लगाम कसने के उद्देश्य से वित्तीय कार्रवाई कार्य बल (एफएटीएफ) द्वारा भगोड़े आर्थिक अपराधियों से निपटने के लिए आम तौर पर सहमत होने तथा मानकीकृत प्रक्रियाओं के एक सेट का विकास करने, अनुभवों एवं सर्वोत्तम कार्य प्रणालियों को साझा करने के लिए एक सामान्य मंच की स्थापना करने और आर्थिक अपराधियों की संपत्तियों का पता लगाने पर कार्य शुरू करने की बात कही गई थी।केंद्रीय मंत्री ने कहा कि उपरोक्त मुद्दों के आधार पर, जी-20 देश भ्रष्टाचार व अन्य आर्थिक अपराधों के बीच संबंधों का पता लगाने और उनसे निपटने के तरीकों को तलाशने के लिए प्रतिबद्ध हैं, जिसके तहत अंतरराष्ट्रीय दायित्वों एवं घरेलू कानूनी प्रणालियों के अनुरूप ऐसे अपराधों और चोरी की संपत्तियों के लिए वांछित व्यक्तियों की वापसी पर सहयोग की प्रक्रिया शामिल है। जी-20 देशों ने भ्रष्टाचार से लड़ने के लिए व्यावहारिक सहयोग जारी रखने की पुष्टि की है और भ्रष्टाचार के लिए वांछित व्यक्तियों तथा भ्रष्टाचार की उनकी आय को सुरक्षित आश्रय देने से इनकार करते हैं।
डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि भारत की वर्तमान प्राथमिकताएं भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई को मजबूत करने और भ्रष्टाचार के अपराधियों की स्वदेश वापसी तथा चोरी की संपत्ति को उनके मूल देशों में वापस लाने के लिए अंतरराष्ट्रीय सहयोग बढ़ाने के उद्देश्य से पुराने समझौतों को आगे ले जाती हैं। उन्होंने कहा कि यह सभी जी-20 देशों की चिंता है और इसलिए हम भारत के प्रस्तावों पर पर्याप्त सहमति होने की आशा रखते हैं।
डॉ. जितेंद्र सिंह ने जी-20 के तहत एसीडब्ल्यूजी बैठक के लिए प्राथमिकताओं का उल्लेख किया। उन्होंने कहा कि भारत की अध्यक्षता जी-20 भ्रष्टाचार विरोधी कार्य समूह में पांच व्यापक विषयों पर ध्यान केंद्रित करेगी।इनमें शामिल हैं- भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई को मजबूत करने के लिए अंतर्राष्ट्रीय सहयोग, सार्वजनिक निकायों और भ्रष्टाचार को रोकने व इसका मुकाबला करने के उद्देश्य से जिम्मेदार अधिकारियों की ईमानदारी एवं प्रभावशीलता, भ्रष्टाचार को खत्म करने में ऑडिट संस्थानों की भूमिका, सार्वजनिक क्षेत्र में भ्रष्टाचार का सामना करने हेतु सूचना एवं संचार प्रौद्योगिकी (आईसीटी) का लाभ उठाना और सबसे महत्वपूर्ण लिंग व भ्रष्टाचार।
डॉ. जितेंद्र सिंह ने उत्तराखंड के ऋषिकेश में आयोजित हो रही इस जी-20 एसीडब्ल्यूजी बैठक के अनूठे मुद्दों के बारे में बताते हुए कहा कि भारत जी-20 के तहत एसीडब्ल्यूजी की दूसरी बैठक के मौके पर 25 मई, 2023 को “भ्रष्टाचार विरोधी रणनीतियों के साथ लैंगिक संवेदनशीलता के तालमेल पर जी-20 के दृष्टिकोण” की तलाश पर एक अनूठा कार्यक्रम आयोजित कर रहा है। इस कार्यक्रम में जी-20 देशों और अंतरराष्ट्रीय संगठनों के उच्च स्तरीय मुख्य वक्ता व सरकारी विशेषज्ञ भाग लेंगे। इस बैठक के दौरान जमीनी स्तर के भारतीय वक्ताओं को भी विचार रखने का अवसर दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि भारत अपने स्वयं के उन अनुभवों को व्यक्त करेगा, जहां पर भ्रष्टाचार विरोधी प्रयासों ने महिलाओं के सशक्तिकरण में मदद की है।
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि भारत भ्रष्टाचार से निपटने में ऑडिटिंग की भूमिका बढ़ाने के संबंध में जी-20 एसीडब्ल्यूजी सदस्यों की बेहतर कार्य प्रणालियों का एक सार-संग्रह भी तैयार कर रहा है। यह सार्वजनिक वित्त में पारदर्शिता, जवाबदेही, नियामक अनुपालन और दक्षता बढ़ाने के लिए भ्रष्टाचार विरोधी निकायों के साथ सर्वोच्च लेखापरीक्षा प्राधिकरणों से सहयोग में महत्वपूर्ण क्रॉस-कटिंग मुद्दे को हल करने में मदद करेगा। भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई को सशक्त करने की भारत की प्राथमिकता को आगे बढ़ाने की दिशा में यह एक विशिष्ट उपाय है।
इसके अलावा, भारत 2023 के लिए एक जवाबदेही रिपोर्ट तैयार कर रहा है, जिसमें भ्रष्टाचार व अन्य आपराधिक अपराधों के लिए पारस्परिक कानूनी सहायता (एमएलए) प्रक्रियाओं की दक्षता के विश्लेषण पर विशेष ध्यान दिया गया है। यह विश्लेषण अनुरोधों को तैयार करने और उन पर प्रतिक्रिया देने के दौरान उत्पन्न होने वाले व्यावहारिक तथा क्रॉस-कटिंग मुद्दों को समझने में मदद करेगा। भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई को मजबूत करने के लिए अंतर्राष्ट्रीय सहयोग बढ़ाने की भारत की प्राथमिकता को आगे बढ़ाने की दिशा में यह एक सकारात्मक पहल साबित हुई है।
केंद्रीय मंत्री ने आशा व्यक्त करते हुए कहा कि जी-20 में एसीडब्ल्यूजी बैठक भारत के लिए अन्य देशों के साथ जुड़ने, ज्ञान का आदान-प्रदान करने, नीतियों को आकार देने और अंतर्राष्ट्रीय सहयोग को बढ़ावा देने हेतु एक मंच के रूप में काम करेगी, जो भारत के भ्रष्टाचार विरोधी ढांचे को बेहतर करने में अपना महत्वपूर्ण योगदान दे सकते हैं।
कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग (डीओपीटी) की सचिव एस राधा चौहान ने कहा कि दूसरी जी-20 एसीडब्ल्यूजी बैठक एसीडब्ल्यूजी की पहली बैठक के सफल आयोजन के बाद हो रही है। उन्होंने कहा, बैठक में इस बात पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा कि कैसे जी-20 देश एक सूचनात्मक माहौल के साथ-साथ जानकारी साझा करने के एक तंत्र निर्माण पर एक साथ आ सकते हैं। सचिव ने कहा कि नेटवर्किंग के लिए परिचालन ढांचा, जानकारी साझा करना और सहयोग हेतु उचित संचालन पर सहायता दी जा सकती है, जिसमें आपसी कानूनी सहायता तथा भगोड़े आर्थिक अपराधियों को सुरक्षित ठिकानों तक पहुंचने से रोकना शामिल है। यह बैठक एक-दूसरे के साथ सहयोग व समन्वय करने के लिए एक मंच भी प्रदान करेगी ताकि सभी भाग लेने वाले देशों की भ्रष्टाचार विरोधी पहल दक्षता एवं प्रभावशीलता के माध्यम से और अधिक बढ़ जाए। विशेषकर ऐसी बातें निकल कर सामने आएं, जिनसे सहयोगी देश आर्थिक अपराध जैसे मुद्दों से निपटते हैं।