केंद्रीय मंत्रिमंडल ने दिव्यांगता के क्षेत्र में सहयोग के लिए भारत और चिली के बीच समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर को मंजूरी दी

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प्रधानमंत्री श्री नरेन्‍द्र मोदी की अध्‍यक्षता में केन्‍द्रीय मंत्रिमंडल ने आज भारत और चिली के बीच दिव्यांगता के क्षेत्र में सहयोग के लिए समझौता ज्ञापन पर हस्‍ताक्षर को मंजूरी दे दी है।

द्विपक्षीय समझौता ज्ञापन दिव्यांगजन सशक्तिकरण विभाग, भारत सरकार और चिली सरकार के बीच दिव्यांगता के क्षेत्र में संयुक्त पहल के माध्यम से सहयोग को प्रोत्साहित करेगा। यह भारत और चिली के बीच द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करेगा।

दिव्यांगता के क्षेत्र में विशेष रूप से निम्नलिखित क्षेत्रों में सहयोग की इच्छा व्यक्त करने वाले देशों के बीच एक संयुक्त आशय पत्र पर हस्ताक्षर किए गएः

(i) दिव्यांगता से जुड़ी नीति और सेवाएं प्रदान करने के बारे में जानकारी साझा करना।

(ii) सूचना और ज्ञान का आदान-प्रदान।

(iii) सहायक उपकरण संबंधी प्रौद्योगिकी में सहयोग।

(iv) दिव्यांगता के क्षेत्र में पारस्परिक हित की परियोजनाओं का विकास।

(v) दिव्यांगता की प्रारंभ में पहचान और रोकथाम।

(vi) विशेषज्ञों, शिक्षाविदों और अन्य प्रशासनिक कर्मचारियों का आदान-प्रदान।

एमओयू इसके तहत गतिविधियों के लिए खर्च को कवर करने के लिए वित्त पोषण के लिए तंत्र प्रदान करता है। इस तरह की गतिविधियों के लिए खर्च दोनों सरकार द्वारा मामले के आधार पर धन और संसाधनों की उपलब्धता के आधार पर पारस्परिक रूप से तय किया जाएगा। संयुक्त गतिविधियों के लिए अंतरराष्ट्रीय यात्रा/आवास की लागत का वहन अतिथि देश द्वारा किया जाएगा जबकि बैठक आयोजित करने की लागत मेजबान देश द्वारा वहन की जाएगी।

भारत-चिली के संबंध व्यापक मुद्दों पर विचारों की समानता पर आधारित सौहार्दपूर्ण और मैत्रीपूर्ण हैं। वर्ष 2019-20 दोनों देशों के बीच राजनयिक संबंधों का 70वां वर्ष है। दोनों देशों की ओर से कई उच्चस्तरीय यात्राओं के साथ द्विपक्षीय संबंध पिछले कुछ वर्षों में मजबूत हुए हैं, जिसमें 2005 और 2009 में चिली के माननीय राष्ट्रपति की दो यात्राएं शामिल हैं।

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