केंद्रीय मंत्री भूपेंद्र यादव ने ब्रिक्स पर्यावरण मंत्रियों की 8वीं बैठक को संबोधित किया
ब्रिक्स के नेतृत्व वाली पहल को देश-संचालित और स्वयंसेवी दृष्टिकोण की होनी चाहिए: श्री भूपेंद्र यादव
ब्रिक्स देश सौर ऊर्जा, उद्योगों में बदलाव , बुनियादी ढांचे और जलवायु के प्रति लचीलेपन के क्षेत्र में सहयोग तलाश सकते हैं: श्री भूपेंद्र यादव
पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्री, श्री भूपेंद्र यादव ने आज 8वीं ब्रिक्स पर्यावरण मंत्रियों की बैठक में भाग लिया। बैठक पीपुल्स रिपब्लिक ऑफ चाइना की अध्यक्षता में वर्चुअली आयोजित की गई थी। बैठक का विषय “उच्च गुणवत्ता वाली ब्रिक्स साझेदारी को बढ़ावा, वैश्विक विकास के लिए एक नए युग की शुरुआत” था। बैठक में ब्राजील, रूस और दक्षिण अफ्रीका के मंत्रियों और प्रतिनिधियों ने भी भाग लिया।
बैठक को संबोधित करते हुए, माननीय मंत्री ने वैश्विक पर्यावरण और जलवायु परिवर्तन की चुनौतियों का मुकाबला करते हुए ब्रिक्स राष्ट्रों के महत्व और महत्वपूर्ण भूमिका का उल्लेख किया। श्री यादव ने कार्बन बजट का उपभोग करने के लिए विकसित देशों की जिम्मेदारी ; जलवायु को लेकर कार्रवाई और सतत विकास में सभी पैमानों पर समानता; जलवायु परिवर्तन को कम करने में जीवनशैली और पर्यावरण पर असर डालने वाली खपत पर अंकुश; एक जैसे लेकिन अलग अलग किये गये उत्तरदायित्व और उससे संबंधित क्षमताएं (सीबीडीआर-आरसी); देशों की परिस्थितियों और प्राथमिकताओं; जलवायु के प्रति न्याय; और जलवायु के लिए वित्त और प्रौद्योगिकी के हस्तांतरण पर विकसित देशों द्वारा की गई प्रतिबद्धताओं को पूरा करने जैसी बातों को रेखांकित किया।
भारत के द्वारा जलवायु को लेकर उठाए कदमों पर प्रकाश डालते हुए, केंद्रीय पर्यावरण मंत्री ने कहा कि ब्रिक्स के नेतृत्व वाली पहल देश-संचालित और स्वयंसेवी दृष्टिकोण की होनी चाहिए, और साथ ही उन्होने अंतर्राष्ट्रीय सहयोग और बहुपक्षीय कदमों की आवश्यकता को रेखांकित किया।
ज्वाइन हैंड टू फसिलिटेट ग्रीन एंड लो कार्बन डेवलपमेंट विषय पर चर्चा के दौरान माननीय मंत्री ने कहा कि ब्रिक्स की मौजूदा पहल सतत और निम्न-कार्बन विकास को बढ़ावा देने में योगदान दे सकती है। सौर ऊर्जा, उद्योगों में बदलाव, बुनियादी ढांचा और जलवायु के प्रति लचीलेपन जैसे क्षेत्रों में ब्रिक्स देश सहयोग तलाश सकते हैं।
ब्रिक्स देशों के बीच गहन विचार-विमर्श के बाद बैठक में 8वीं ब्रिक्स पर्यावरण मंत्रियों की बैठक के लिए संयुक्त वक्तव्य को स्वीकार किया गया।