केंद्रीय मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने 56 प्रोफेसर, एसोसिएट प्रोफेसर और सहायक प्रोफेसर सहित आईआईपीए के 181 नए सदस्यों को दी मंजूरी
डॉ. जितेंद्र सिंह ने आईआईपीए की कार्यकारी परिषद की 322वीं बैठक की अध्यक्षता की
नई दिल्ली, 26मई।केंद्रीय विज्ञान और प्रौद्योगिकी एवं पृथ्वी विज्ञान राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) और पीएमओ, कार्मिक, लोक शिकायत, पेंशन, परमाणु ऊर्जा और अंतरिक्ष राज्यमंत्री, डॉ. जितेंद्र सिंह ने आज आज 56 प्रोफेसर, एसोसिएट प्रोफेसर और सहायक प्रोफेसर सहित आईआईपीए के 181 नए सदस्यों को मंजूरी प्रदान की। गौरतलब है कि वह भारतीय लोक प्रशासन संस्थान (आईआईपीए) के राष्ट्रीय अध्यक्ष भी हैं।
आईआईपीए की कार्यकारी परिषद की 322वीं बैठक की अध्यक्षता करते हुए, डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि उन्होंने नवंबर, 2021 में सेवारत अधिकारियों के लिए आईआईपीए की सदस्यता खोलने का निर्णय लिया था, जो पहले केवल सेवानिवृत्त अधिकारियों के लिए आरक्षित था, उसके बाद वर्तमान समय में इसमें 700 से ज्यादा सदस्य नामांकित हैं।डॉ. जितेंद्र सिंह ने इस बात पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए कहा कि विभिन्न आयु वर्गों के अलावा, इसमें नए सदस्य के रूप में संबद्ध, रक्षा सेवा, शैक्षणिक एवं व्यावसायिक सेवाओं से भी लोग आ रहे हैं। उन्होंने आईआईपीए की क्षेत्रीय शाखाओं से आग्रह किया कि वे आईआईपीए में गुणवत्तापूर्ण जनशक्ति को शामिल करने के लिए सदस्यता अभियान को गति प्रदान करें।
इससे पहले, डॉ. जितेंद्र सिंह ने आईआईपीए परिसर में केंद्रीय भंडार की 101वीं शाखा का उद्घाटन किया, जिसमें विभिन्न प्रकार के रेडी टू ईट फूड और एक ‘कर्मयोगी द्वार’ भी शामिल हैं। उन्होंने कहा कि केंद्रीय भंडार जो 2014 में घाटे में चल रहा था और इसे बंद करने के लिए एक दस्तावेज भी लाया गया था लेकिन मोदी सरकार ने उसे पूरी तरह से नया रूप प्रदान किया।
डॉ. जितेंद्र सिंह ने जानकारी दिया कि सहकारिता का कारोबार जो केवल 750 करोड़ रुपये का था उसमें 500 प्रतिशत से ज्यादा की वृद्धि हुई और अब यह 4,000 करोड़ रुपये का व्यवसाय कर रहा है।
डॉ. जितेंद्र सिंह ने कार्यकारी परिषद के सदस्यों से इस विचार पर गौर करने का आग्रह किया कि प्रत्येक राज्य शाखा की गतिविधियों के लिए एक कैलेंडर तैयार किया जाना चाहिए क्योंकि आईआईपीए का जनादेश मुख्य रूप से अकादमिक है।डॉ. जितेंद्र सिंह ने इस बात पर भी संतोष व्यक्त किया कि संस्थान दिन-प्रतिदिन की सार्वजनिक वितरण चुनौतियों का सामना करने वाले क्षेत्रों में कार्यरत अधिकारियों के लिए जल्द ही सुशासन की नियमावली जारी करेगा। उन्होंने कहा कि इसे सुशासन का पूर्ण रूप से एक नया प्रतिमान बताया।
डॉ. जितेंद्र सिंह को 12 अक्टूबर, 2022 को आयोजित हुई कार्यकारी परिषद की 321वीं बैठक की कार्रवाईयों से अवगत कराया गया। आईआईपीए की कार्यकारी परिषद में, उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ इसके प्रेसिडेंट और केंद्रीय मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह चेयरमैन हैं।बैठक में आईआईपीए की कार्यकारी परिषद के सदस्य भी शामिल हुए जिनमें छत्तीसगढ़ के पूर्व राज्यपाल शेखर दत्त,एलबीएसएनएए के निदेशक श्रीनिवास आर. कटिकिथला, टी. एम. विजय भास्कर, टी. कालीबन, के. के. सेठी, आईआईपीए के महानिदेशक एवं सदस्य सचिव, कार्यकारी परिषद और अमिताभ रंजन, रजिस्ट्रार, आईआईपीए भी शामिल हुए। इस बैठक में कई क्षेत्रीय शाखाओं ने भी वर्चुअल रूप से हिस्सा लिया।