केंद्रीय मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह 26 नवंबर को जम्मू-कश्मीर के कटरा में ई-गवर्नेंस (एनसीईजी) पर आयोजित होने वाले 25वें राष्ट्रीय सम्मेलन का उद्घाटन करेंगे

0

नई दिल्ली, 22 नवंबर।प्रशासनिक सुधार और लोक शिकायत विभाग (डीएआरपीजी) तथा इलेक्ट्रॉनिकी और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय (एमईआईटीवाई), जम्मू-कश्मीर राज्य सरकार के सहयोग से ई-गवर्नेंस (एनसीईजी) पर 26 से 27 नवंबर, 2022 को जम्मू और कश्मीर के कटरा में 25वें राष्ट्रीय सम्मेलन का आयोजन करेगा। इस सम्मेलन का विषय “नागरिकों, उद्योग और सरकार को समीप लाना” है।

सम्मेलन का उद्घाटन मुख्य अतिथि विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्रालय में केंद्रीय राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार), पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय और प्रधानमंत्री कार्यालय में राज्य मंत्री, कार्मिक, लोक शिकायत एवं पेंशन राज्य मंत्री तथा परमाणु ऊर्जा विभाग व अंतरिक्ष विभाग राज्य मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह द्वारा किया जाएगा।

26 नवंबर को भारत के संविधान को अपनाने के उपलक्ष्य में संविधान दिवस के रूप में मनाया जाता है। समारोह के एक हिस्से के रूप में केंद्रीय मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह 26 नवंबर, 2022 को 25वें एनसीईजी के उद्घाटन सत्र में सभी प्रतिभागियों के साथ संविधान की प्रस्तावना का पाठ करेंगे।

ई-गवर्नेंस (एनएईजी) के लिए राष्ट्रीय पुरस्कार एनएईजी योजना – 2022 की 5 श्रेणियों के तहत केंद्रीय, राज्य एवं जिला स्तर, शैक्षणिक तथा अनुसंधान संस्थानों और सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों में 18 ई-गवर्नेंस पहल के लिए प्रस्तुत किए जाएंगे। इसमें 9 स्वर्ण और 9 रजत पदक पुरस्कार शामिल हैं।

जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल श्री मनोज सिन्हा 27 नवंबर, 2022 को 25वें एनसीईजी में समापन सत्र की अध्यक्षता करेंगे। हरियाणा के मुख्यमंत्री समापन सत्र में भाग लेंगे, यह कार्यक्रम जम्मू-कश्मीर सरकार द्वारा डिजिटल जम्मू-कश्मीर पहल की शुरुआत और समझौता ज्ञापनों पर हस्ताक्षर का गवाह बनेगा।

डिजिटल नवाचार भारत को डिजिटल रूप से सशक्त समाज और ज्ञान अर्थव्यवस्था में बदलने के लिए शासन के लिए अगले दशक में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। इससे विषयों एवं प्रौद्योगिकियों के बारे में विचार-विमर्श की आवश्यकता होगी, जो भविष्य में नागरिकों को सरकारी सेवाओं के वितरण को बढ़ाने के लिए डिजिटल शासन को आकार देंगे। यह सम्मेलन इस विषय पर अपने ज्ञान तथा अंतर्दृष्टि को साझा करने के लिए प्रतिष्ठित वक्ताओं को आमंत्रित करके इनमें से कुछ तकनीकों पर चर्चा करने का एक विशेष मंच साबित होगा।

सम्मेलन के दौरान पूर्ण सत्रों में दस उप-विषयों पर चर्चा की जाएगी:

1. सम्पूर्ण सरकारी कार्य प्रणाली में डिजिटल गवर्नेंस;

2. डिजिटल अर्थव्यवस्था आधारित स्टार्टअप पारिस्थितिकी तंत्र और रोजगार सृजन को मजबूत करना;

3. राष्ट्रीय विकास को बढ़ावा देने तथा नागरिकों के अधिकारों को सुरक्षित करने के लिए आधुनिक कानून;

4. पारदर्शी और रीयल-टाइम शिकायत प्रबंधन प्रणाली;

5. साइबर स्पेस में अगली पीढ़ी की सेवाओं एवं सुरक्षा के लिए 21वीं सदी का डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर;

6. अन्वेषण से जनसंख्या पैमाने के समाधान के लिए उभरती प्रौद्योगिकियों पर आगे बढ़ते रहना;

7. डिजिटल डिवाइड को पाटने में ई-गवर्नेंस की भूमिका;

8. ईज ऑफ डूइंग बिजनेस और ईज ऑफ लिविंग को बढ़ाने के लिए डिजिटल गवर्नेंस;

9. जम्मू और कश्मीर राज्य: जम्मू तथा कश्मीर में डिजिटल परिवर्तन;

10. जम्मू-कश्मीर में ई-गवर्नेंस पहल

यह सम्मेलन देश भर में ई-गवर्नेंस पहलों को काफी गति प्रदान करेगा, सिविल सेवकों और उद्योग प्रमुखों को ई-गवर्नेंस में एंड-टू-एंड सेवा वितरण में सुधार करने के लिए अपने सफल हस्तक्षेप का प्रदर्शन करने का अवसर प्रदान करेगा।

केंद्रीय मंत्रालयों/विभागों और 28 राज्यों एवं 8 केंद्र शासित प्रदेशों के प्रतिनिधियों ने सम्मेलन में अपनी भागीदारी की पुष्टि की है। जम्मू में आयोजित होने वाले इस सम्मेलन में 1000 से अधिक प्रतिनिधियों के शामिल होने की उम्मीद है। समारोह के दौरान ई-गवर्नेंस के क्षेत्र में भारत की उपलब्धियों को प्रदर्शित करने के लिए एक प्रदर्शनी भी आयोजित की जाएगी, साथ ही पुरस्कार विजेताओं पर वॉल ऑफ फेम/फोटो प्रदर्शनी भी लगाई जाएगी।

प्रशासनिक सुधार और लोक शिकायत विभाग में सचिव श्री वी. श्रीनिवास ; इलेक्ट्रॉनिकी और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय में सचिव श्री अलकेश कुमार शर्मा; जम्मू-कश्मीर सरकार के मुख्य सचिव श्री अरुण कुमार मेहता, डीएआरपीजी में अपर सचिव श्री अमर नाथ तथा जम्मू-कश्मीर सरकार में सूचना प्रौद्योगिकी की आयुक्त/सचिव सुश्री प्रेरणा पुरी सहित भारत सरकार के अन्य वरिष्ठ सचिव भी सम्मेलन को संबोधित करेंगे। प्रशासनिक सुधार और लोक शिकायत विभाग के संयुक्त सचिव श्री एनबीएस राजपूत द्वारा धन्यवाद ज्ञापन दिया जाएगा।

Leave A Reply

Your email address will not be published.