Uttarakhand Tunnel Rescue: टनल के अंदर पहुंची रेस्क्यू टीम, 31 मीटर तक ड्रिलिंग का काम पूरा

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नई दिल्ली, 27नवंबर। उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिले की सिलक्यारा सुरंग में फंसे 41 मजदूरों को निकालने के लिए रेस्क्यू ऑपरेशन आज 16वें दिन भी जारी है. सिलक्यारा स्थल पर मौजूद बीआरओ के पूर्व डीजी हरपाल सिंह ने बताया कि अब तक 31 मीटर तक लंबवत ड्रिलिंग की जा चुकी है. जी मीडिया संवाददाता ने बताया कि मैन्युअल ड्रिलिंग के लिए Rat miners की टीम टनल के अंदर पहुंच चुकी है.
माइक्रो टनलिंग विशेषज्ञ क्रिस कूपर ने सोमवार को बताया कि ऑगर मशीन का सारा मलबा हटा दिया गया है. मैन्युअल ड्रिलिंग से हमें 9 मीटर हाथ से सुरंग बनाने का काम करना है. यह काम जमीन के व्यवहार पर निर्भर करता है।. जल्दी भी हो सकता है और थोड़ा लंबा भी हो सकता है.हमें विश्वास है कि हम इससे पार पा सकते हैं.

पीएम मोदी के प्रधान सचिव पी के मिश्रा मौके पर पहुंचे
मिली जानकारी के अनुसार, ड्रिलिंग के दौरान मलबे में फंसे अमेरिकी ऑगर मशीन के शेष हिस्से भी सोमवार तड़के बाहर निकाल लिए गए . अधिकारियों ने यहां बताया कि फंसे श्रमिकों को बाहर निकालने के लिए अब हाथ से ड्रिलिंग की जाएगी . प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के प्रधान सचिव पी के मिश्रा और उत्तराखंड के मुख्य सचिव एस एस सन्धु घटनास्थल पर चल रहे बचाव कार्यों की समीक्षा के सिलक्यारा पहुंच गए हैं.

12 नवंबर को हुआ था हादसा
यमुनोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग पर बन रही सिलक्यारा सुरंग का एक हिस्सा 12 नवंबर को ढह गया था जिसके कारण उसमें काम कर रहे श्रमिक फंस गए थे. उन्हें बाहर निकालने के लिए युद्ध स्तर पर कई एजेंसियों द्वारा बचाव अभियान चलाया जा रहा है . बचाव कार्यों में सहयोग के लिए उत्तराखंड सरकार की ओर से नियुक्त नोडल अधिकारी नीरज खैरवाल ने रविवार शाम सात बजे तक की स्थिति बताते हुए कहा था कि मलबे में ऑगर मशीन का केवल 8.15 मीटर हिस्सा ही निकाला जाना शेष रह गया है.

मलबे में हाथ से ड्रिलिंग कर उसमें पाइप डालने के लिए ऑगर मशीन के सभी हिस्सों को पहले बाहर निकाला जाना जरूरी था . सुरंग में करीब 60 मीटर क्षेत्र में फैले मलबे को भेदकर श्रमिकों तक पहुंचने के लिए अब 10-12 मीटर की ड्रिलिंग शेष रह गयी है.

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