उपराष्ट्रपति ने राजस्थान में अपने पैतृक गांव का दौरा किया, ग्रामीणों द्वारा आयोजित सम्मान समारोह में शामिल हुए

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उपराष्ट्रपति ने आज श्री खाटू श्याम मंदिर और श्री बालाजी सालासर धाम जाकर पूजा अर्चना की

श्री धनखड़ राजस्थान बार काउंसिल की ओर से आयोजित सम्मान समारोह में भी शामिल हुए

लोकतंत्र तब मजबूत होता है जब सभी संवैधानिक संस्थाओं में पूरी तरह से समन्वय हो और वे अपने अधिकार क्षेत्र तक सीमित रहें- उपराष्ट्रपति

उपराष्ट्रपति श्री जगदीप धनखड़ अपनी पत्नी डॉ. सुदेश धनखड़ के साथ आज आधिकारिक दौरे पर राजस्थान पहुंचे। भारत का उपराष्ट्रपति बनने के बाद राज्य का यह उनका पहला दौरा है। यात्रा के दौरान, उन्होंने कई पवित्र स्थलों का दौरा किया और कई सम्मान कार्यक्रमों में भाग लिया।

अपने पैतृक गांव किठाना पहुंचे उपराष्ट्रपति

उपराष्ट्रपति ने दिनभर के अपने दौरे की शुरुआत झुंझुनू में पैतृक गांव किठाना से की। वह सुबह दिल्ली से वायुसेना के हेलिकॉप्टर से यहां पहुंचे। उनके आगमन पर राजस्थान सरकार में महिला एवं बाल विकास मंत्री श्रीमती ममता भूपेश और लोकसभा सांसद श्री नरेंद्र कुमार ने उनका स्वागत किया। इस दौरान कई वरिष्ठ अधिकारी और क्षेत्र के जनप्रतिनिधि मौजूद थे।

इसके बाद, उपराष्ट्रपति और उनकी पत्नी ने श्री बालाजी मंदिर, जोडिया और किठाना के श्री ठाकुर जी मंदिर में पूजा, आरती की। अपने पैतृक गांव में श्री धनखड़ ने महात्मा गांधी सरकारी स्कूल में एक नए भवन का शिलान्यास किया और छात्रों से बातचीत भी की।

यात्रा के दौरान, किठाना पंचायत ने उपराष्ट्रपति के सम्मान में अभिनंदन कार्यक्रम का आयोजन किया। इस अवसर पर बोलते हुए, श्री धनखड़ ने जीवन में शिक्षा के महत्व पर प्रकाश डाला और वहां मौजूद लोगों से अपने बच्चों की शिक्षा पर ध्यान देने के लिए कहा। उन्होंने कहा, ‘मैं अपने जीवन में जो कुछ भी हासिल कर सका, वह अच्छी शिक्षा के कारण संभव हुआ।’

भारत दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन गया है, इसका जिक्र करते हुए उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि भारत के विकास की जड़ें हमारे गांवों में हैं। उन्होंने किसानों से बागवानी और वृक्षारोपण पर अधिक ध्यान देने का आग्रह किया।

उपराष्ट्रपति ने श्री खाटू श्याम मंदिर और श्री बालाजी सालासर धाम में दर्शन किया

अपने गांव के बाद, उपराष्ट्रपति और उनकी पत्नी राजस्थान के चुरू जिले में स्थित प्रसिद्ध श्री बालाजी सालासर धाम मंदिर पहुंचे और सभी देशवासियों के सुख-समृद्धि के लिए प्रार्थना की।

श्री और श्रीमती धनखड़ यहां से सीकर में श्री खाटू श्याम मंदिर गए, जो देश में भगवान श्री कृष्ण के सबसे प्रतिष्ठित मंदिरों में से एक है।

इन यात्राओं के दौरान उपराष्ट्रपति के साथ लोकसभा सांसद श्री राहुल कस्वां और श्री सुमेधानंद सरस्वती, कई वरिष्ठ अधिकारी और क्षेत्र के जनप्रतिनिधि भी मौजूद थे।

जयपुर में अभिनंदन कार्यक्रम

इसके बाद उपराष्ट्रपति जयपुर हवाई अड्डे पहुंचे, जहां राजस्थान के राज्यपाल श्री कलराज मिश्र, राजस्थान के शिक्षा मंत्री श्री बुलाकी दास कल्ला, राजस्थान की कैबिनेट मंत्री ममता भूपेश और राज्य के कई वरिष्ठ अधिकारियों ने उनका स्वागत किया। हवाई अड्डे पर श्री धनखड़ को राज्य पुलिस की ओर से गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया और यहां से वह राजभवन के लिए रवाना हो गए।

शाम में, श्री धनखड़ ने जयपुर में राजस्थान बार काउंसिल द्वारा आयोजित सम्मान समारोह में हिस्सा लिया। अपने संबोधन में उपराष्ट्रपति ने कहा कि मजबूत, निष्पक्ष और स्वतंत्र न्याय प्रणाली प्रजातांत्रिक मूल्यों के फलने-फूलने की सबसे सुरक्षित गारंटी है। उन्होंने कहा, ‘इसमें बार की भूमिका महत्वपूर्ण है।’

उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि पारदर्शिता और जवाबदेही का कड़ाई से पालन करने से संस्थानों में जनता का भरोसा कायम रह सकता है। उपराष्ट्रपति ने कहा कि लोकतंत्र तब अधिक मजबूत होता है जब सभी संवैधानिक संस्थाओं में पूरी तरह से समन्वय हो और वे अपने अधिकार क्षेत्र तक सीमित रहें।

इस सम्मान समारोह में राजस्थान उच्च न्यायालय के माननीय कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश श्री एम. एम. श्रीवास्तव, राजस्थान बार काउंसिल के अध्यक्ष श्री सुनील बेनीवाल, राजस्थान बार काउंसिल के उपाध्यक्ष श्री योगेंद्र सिंह शक्तावत, राजस्थान बार काउंसिल के संयोजक और वरिष्ठ सदस्य श्री जे. एस. चौधरी, बार काउंसिल ऑफ इंडिया के सह-अध्यक्ष श्री एस. सी. श्रीमाली, एडवोकेट जनरल राजस्थान और राजस्थान बार काउंसिल के पदेन सदस्य श्री एम. एस. सिंघवी, भारत के अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल श्री आर. डी. रस्तोगी और अन्य लोग शामिल हुए।

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