म्यूचुअल फंड में महिलाएं पुरुषों से ज्यादा निवेश कर रहीं
नई दिल्ली,28 मार्च। करने वाले कुल इन्वेस्टर में महिलाओं की हिस्सेदारी एक चौथाई यानी 25% हो गई है। वहीं, इंडिविजुअल इन्वेस्टर एसेट में महिला निवेशकों की हिस्सेदारी एक-तिहाई पहुंच गई है। इसका मतलब यह कि महिलाएं पुरुषों के मुकाबले ज्यादा निवेश कर रही है।
एसोसिएशन ऑफ म्युचुअल फंड्स इन इंडिया (AMFI) और क्रिसिल की रिपोर्ट के मुताबिक महिला निवेशकों का एसेट अंडर मैनेजमेंट (AUM) मार्च 2019 में 4.59 लाख करोड़ रुपए था, जो मार्च 2024 में दोगुने से ज्यादा बढ़कर 11.25 लाख करोड़ रुपए पहुंच गया।
ब्रोकर की मदद के बिना निवेश का ट्रेंड
रिपोर्ट के मुताबिक महिला निवेशकों में ब्रोकर की मदद लिए बगैर सीधे निवेश का ट्रेंड तेजी से बढ़ रहा है। मार्च 2024 तक इनके AUM का लगभग 21% निवेश डायरेक्ट प्लान के जरिए आया। मार्च 2019 में यह आंकड़ा 14.20% था।
युवा महिला निवेशकों में यह ट्रेंड सबसे तेज है। 25-44 साल के उम्र की महिलाओं में कुल AUM में सीधे प्लान के जरिए निवेश का हिस्सा 16% से बढ़कर 27.3% हो गया, जबकि 58 साल से ऊपर की कैटेगरी में यह 13.9% से बढ़कर 17.6% पहुंच गया।
एम्फी-क्रिसिल की रिपोर्ट
- 2019 में महिला निवेशकों के कुल निवेश में 5 वर्ष से अधिक की होल्डिंग का हिस्सा 8% था, जो मार्च 2024 में 21% हो गया। वहीं इस दौरान पुरुष निवेशकों का निवेश 8% से बढ़कर 20% हो गया।
- मार्च 2024 में महिला के कुल निवेश में एसआईपी की हिस्सेदारी 30% से अधिक थी। यह मार्च 2019 से लेकर मार्च 2024 के बीच 319% बढ़ी।
- महिला निवेशकों के एसआईपी खाते दिसंबर 2020 में 71.13 लाख से बढ़कर दिसंबर 2024 में 2.63 करोड़ हो गए। यानी 270% खाते बढ़ गए।
- महिला एसआईपी की एयूएम दिसंबर 2020 में 1.2 लाख करोड़ रुपए से बढ़कर दिसंबर 2024 में लगभग 4.3 लाख करोड़ रुपए पहुंच गया है। यानी इसमें करीब 4 गुना वृद्धि देखी गई।